चांद की तलाश में निकले, तारो को हमसफ़र मानकर
नया सफर शुरू किया , आसमान को रहगुजर मानकर
बेताब हूं जानने को, चांद की चमक का राज क्या है
इस चांदनी में आखिर ऐसी आखिर बात क्या है
इस चमक ने यारो मुझे कुछ यूं हैरान किया है
देखो कैसे चांदनी ने हमें चांद के दागो से अनजान किया है
खूबसूरती के आगे इस चांदनी की लोग दागो को भूल जाते है
यह तो इंसानों की एक गलती पर, उसके सौ अच्छे कामों को भूल जाते है