ज़रूरत मुस्कान की थी, और हम अश्को को प्यार समझ बैठे
जिसने हमें इंसान तक ना समझा, हम उस यार समझ बैठे
बात अगर दिल तोड़ने की होती, तो माफ़ कर भी दिया होता
अगर तुमने अपने नापाक हाथो से, मेरे जिस्म को छुआ नहीं होता
रोती रही, गिड़गिड़ाती रही, मै अस्मत के लिए मेरी
पर बना दिया था जानवर, तुझे उस हवस ने तेरी
मोहब्बत ना समझा तुमने अपनी, ये हमने मान लिया होता
मगर एक इंसान थी मै, काम से काम इतना जान लिया होता
कितनी बेबस और कमजोर थी मै, ये समझ गई थी मै
प्यार है या हवस है, इन सवालों में उलझ गई थी मै
पर ये जान लो की भरोसा करना छोडूंगी नहीं मै
संभलूंगी इस दुनिया में हर कदम पर, पर इसे छोडूंगी नहीं मै
उस वक्त चाहे कमजोर थी, पर अब कमजोर नहीं पड़ना है
जीना है अपनी ज़िन्दगी शान से, सपनों को पूरा करना है
मरना नहीं है, और ना ही घुट घुट कर जीने का इरादा है
हंसना है, मुस्कुराना है, जीना है जी भरके ये मेरा खुद से वादा है